हिंदी सिनेमा की 'ट्रेजिडी क्वीन' मीना कुमारी का आज
85वां जन्मदिन
अनाथालय की सीढ़ियों से उठा कर लाये
पिता .......................
अजीब दास्ताँ है ये …कहाँ शुरू कहाँ ख़तम
ये मंजिलें है कौन सी ..न वो समझ सके न हम …..
ये मंजिलें है कौन सी ..न वो समझ सके न हम …..
हिंदी सिनेमा में 'ट्रेजडी क्वीन' के नाम से मशहूर हीरोइन मीना कुमारी का आज 85वां जन्मदिन है। अपनी शानदार एक्टिंग और लाजवाब
खूबसूरती के लिए फिल्म इंडस्ट्री के साथ साथ अपने चाहने वालों के दिल में वो आज भी
जिंदा हैं।…..
मीना कुमारी का मशहूर गाना .. इंन्हीं लोगों ने ले लीन्हा दुपट्टा
मेरा ,
चलते चलते यूं ही कोई मिल गया था सारी रात चलते चलते चलते
सिर्फ एक नजर देखकर सभी को
अपना कायल बनाने वाली एक्ट्रेस मीना कुमारी की अदाकारी आज भी जिंदा है। करीब तीन
दशकों तक बॉलीवुड पर राज करने वाली मीना कुमारी ने कई फिल्मों में कुछ ऐसा अभिनय
किया था कि लोग उन्हें आज भी भुला नहीं पाए हैं। फिल्म 'साहब बीवी और गुलाम' के गीत 'न जाओ सैयां छुड़ाके बैयां..' के लिए फैंस उन्हें आज भी याद करते हैं।
मीना कुमारी का जन्म मुंबई में 1 अगस्त, 1932 को हुआ था। उनका असली नाम महजबीं बानो था। उनके पिता अली बख्स पारसी रंगमंच
के कलाकार थे और मां थियेटर में एक्टिंग करती थीं। वैसे तो मीना कुमारी का बचपन
आर्थिक संकटों के बीच गुजरा था। उन्होंने जीवन का असली दर्द सहा था इसलिए उनकी
फिल्मों में दुख का दृश्य उनके अभिनय से जीवंत हो उठता था। मीना कुमारी ने
ज्यादातर दुख भरी कहानियों पर आधारित फिल्मों में ही काम किया है। इसलिए उन्हें
हिंदी फिल्मों की 'ट्रेजिडी क्वीन' भी कहा
जाता है।
अनाथालय की सीढ़ियों से उठा कर लाये
पिता ……
जब मीना कुमारी का जन्म हुआ तब पिता अली बख्श
और मां इकबाल बेगम (मूल नाम प्रभावती) के पास डॉक्टर को देने के पैसे नहीं थे।
हालत यह थी कि दोनों ने तय किया कि बच्ची को किसी अनाथालय के बाहर सीढ़ियों
पर छोड़ दिया जाए और छोड़ भी दिया गया। लेकिन, पिता का मन नहीं माना और वो पलट कर
भागे और बच्ची को गोद में उठा कर घर ले आए। किसी तरह मुश्किल भरे हालातों से लड़ते
हुए उन्होंने उनकी परवरिश की।
कम उम्र में ही हासिल की बड़ी कामयाबी
महज़बीन (मीना कुमारी) ने छोटी उम्र
में ही घर का सारा बोझ अपने कंधों पर ले लिया। सात साल की उम्र से ही फ़िल्मों में
काम करने लगीं। वो बेबी मीना के नाम से पहली बार फ़िल्म ‘फरजद-ए-हिंद’ में नज़र आईं। इसके
बाद लाल हवेली, अन्नपूर्णा,
सनम, तमाशा आदि कई फ़िल्में कीं। लेकिन उन्हें
स्टार बनाया 1952 में आई फ़िल्म ‘बैजू बावरा’ ने। इस फ़िल्म के बाद वो लगातार सफलता की सीढियां चढ़ती गईं। ‘बैजू बावरा’ ने मीना कुमारी को
बेस्ट एक्ट्रेस का फ़िल्मफेयर अवॉर्ड भी दिलवाया। वह यह अवॉर्ड पाने वाली पहली
एक्ट्रेस बनीं। इसके बाद तो उन्होंने एक से बढ़ कर एक फ़िल्में दीं। परिणीता, दिल अपना प्रीत
पराई, श्रद्धा, आजाद, कोहिनूर...बहरहाल,
1960 तक आते-आते वह एक बहुत बड़ी स्टार
बन गई थीं।
बेस्ट एक्ट्रेस की लिस्ट में खुद से
ही था मुकाबला
उनके क़द का अंदाजा आप यूं लगाइए कि 1963 के दसवें
फिल्मफेयर अवॉर्ड में बेस्ट एक्ट्रेस कैटेगरी में तीन फ़िल्में (मैं चुप रहूंगी, आरती और साहिब बीवी
और गुलाम) नॉमिनेट हुई थीं और तीनों ही फ़िल्मों में मीना कुमारी ही नॉमिनेट थीं। यानी अवॉर्ड
के लिए उनका मुकाबला खुद ही से था! ऐसा सिने इतिहास में कभी नहीं देखा गया। बता
दें कि उन्हें यह अवॉर्ड 'साहिब बीवी और गुलाम' में उनके निभाए गए ‘छोटी बहू’ के किरदार के लिए
मिला था। वैसे, मीना कुमारी ने अपने कैरियर में जितनी बुलंदियां हासिल की हैं निजी
ज़िंदगी में उन्होंने उतनी ही मुश्किलें भी झेलीं थीं। जन्म से लेकर अंतिम घड़ी तक
उन्होंने दुख ही दुख झेला। कामयाबी का जश्न मनाने का वक्त आता, उस से पहले ही कोई
न कोई हादसा उनका पीछा करता हुआ उन तक पहुंच जाता!
जब इस 'पाकीजा' ने कहा दुनिया को अलविदा
‘पाकीजा’ कमाल अमरोही की महत्वाकांक्षी फ़िल्म थी, लेकिन वो इसे आगे
नहीं बढ़ा पा रहे थे। सुनील दत्त और नर्गिस के कहने पर वर्षों बाद इसकी शूटिंग
शुरू हुई। मीना कुमारी तलाक के बाद भी कमाल अमरोही के इस फ़िल्म का हिस्सा बनी
रहीं। 14 साल बाद 4 फरवरी, 1972 को फ़िल्म पर्दे पर आई। तब तक मीना की हालत काफी बिगड़ गई थी।
बीमारी की हालत में भी वह लगातार फ़िल्में कर रही थीं, लेकिन रोग असाध्य
हो गया था। अंतत: 31 मार्च 1972 को लिवर सिरोसिस के चलते मीना कुमारी ने इस दुनिया को अलविदा कह
दिया। और तमाम मुश्किलों से आज़ाद हो गईं। आज भी मीना कुमारी तमाम अभिनेत्रियों के
लिए एक रोल मॉडल की तरह हैं!.. इस महान अदाकारा को भावभीनी
श्रद्धांजली ...
Details.. 90 से ज्यादा फिल्मों
में किया ..
आखिरी फिल्म ..गोमती के किनारे ..
मीना कुमारी ने 6 फिल्मों मे Play back singer का भी काम जिसमें 17 गाने गाए ...
4 बार बेस्ट एक्ट्रेस फिल्म फेअर अवार्ड से नमाजा गया
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